नारी प्रकृति की मानव समाज को ईश्वर द्वारा बख्शी गई सबसे श्रेष्ठ एवम अतुलनीय मानस कृति है.नारी सम्पूर्ण कायनात है .अपने आप में एक सम्पूर्ण संसार है .नारी ने इस संसार को जिसके हम अंश है जन्मा है.यह सब कुछ जो भी यहाँ मानवीय या दैवीय अथवा किसी भी रूप में बिद्यमान है,इसका परोक्ष रूप से नारी का ही दिया हुआ आशीर्वाद है .हम इस ऋण से कभी उऋण नहीं हो सकते और न ही होना चाहते हैं . ये हमारा ही दुर्भाग्य है कि हम जिस कोख से पैदा होते हैं उसी को दुत्कारते हैं .उसी को उसका हक नहीं देते .हम नारी से उम्मीद तो करते है पर उसकी उम्मीद नहीं बनते .हम "महिला दिवस "पर इस शक्ति स्वरूपा को प्रणाम करते हैं और नमन करते हैं .....
काव्यधारा टीम कवि दीपक शर्मा जी का एक साहित्यिक मंच है जो की देश एवं विदेशों में मुशायरों तथा कवि सम्मलेन का आयोजन करता है.
अगर आप सोचते हैं कि आप वास्तव मे एक मौलिक कवि या शायर हैं और आपकी शायरी अनोखी हैं ,आपके विचार नए हैं ...आपका का इस समूह मे स्वागत हैं ।हमारे उद्देश्य सभी रचियेताओ को एक साथ एक मंच से जोड़ना हैं .लेकिन आप मे कोई बात होनी चाहिए .सिर्फ मौलिक कवि ,शायर और उनकी रचनाये प्रतीक्षित हैं .....हम आपका स्वागत करते हैं .......